परम मित्र बाल वाटिका
परम मित्र मानव निर्माण संस्थान गाँवों में पार्को का निर्माण करवाने और उसके महत्व को समझाने के प्रति शिविर आयोजित करती है, क्योंकि विशेषज्ञ भी इस बात को मानते हैं कि बच्चों के लिए खेल-कूद काफी महत्वपूर्ण है और इसके लिए गार्डन और उसमें अलग-अलग तरह के झूलों को स्थापित करना बहुत जरुरी होता है। किसी अन्य खाली स्थान की तुलना में बच्चों के खेलने के लिए पार्क सबसे अच्छे होते हैं, क्योंकि इसमें अधिक-से-अधिक पेड़-पौधों की उपलब्धि कराई जाती है, जिससे इस जगह का माहौल प्राकृतिक रूप में ढल जाता है। परम मित्र मानव निर्माण संस्थान छोटे से बड़े सभी लोगों के लिए गाँवों में पार्को का निर्माण करती है क्योंकि पार्क के स्वच्छ वातारण में बच्चों के खेलने से उन्हें ताजी और स्वच्छ हवा प्राप्त होती है, जो शरीर को तरो.ताजा बनाए रखने के लिए बेहद जरुरी है। खेल के बारे में मशहूर अल्बर्ट आइंस्टीन का भी कहना था कि “Play is the highest form of research” अर्थात खेल अनुसंधान का उच्चतम स्वरुप है।
बच्चों के खेलने से उनके शरीर का विकास अच्छे से होता है। मात्र आधा घंटा पार्को में खेलने से बच्चों के शरीर की प्रतिक्रिया शुरू हो जाती है और सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आने से बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली और भी बेहतर होती है। पार्क में झूलों को स्थापित कराने से बच्चों के शरीर का विकास जैसे पकड़, संतुलन बनाना, कूदना, धक्का लगाना और एक साथ ताल बिठाना और भी अन्य शारीरिक विकास बहुत ही अच्छे से होते हैं। खेल के मैदान बच्चों के स्वस्थ्य के लिए प्रमुख स्थान होते हैं, जहाँ उनके मानसिक स्वास्थ्य और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों को मजबूत बनाने और उसको कायम रखने में मदद मिलती है। पार्क में नियमित व्यायाम करने से बच्चों में बीमार होने का जोखिम नहीं रहता और जो बच्चे बीमार होते हैं, वे भी स्वस्थ हो जाते हैं ।
शारीरिक गतिविधियों के द्वारा मस्तिष्क की गतिविधियाँ भी उत्तेजित होती हैं और इस प्रक्रिया के कारण पानी, ऑक्सीजन और ग्लूकोज बहुत अधिक मात्रा में मस्तिष्क तक पहुँचते हैं, जिससे बच्चे की पढ़ाई में उन्नति होती है। बच्चों के खेलने से उनके ऊपर धूप की किरणों के प्रभाव से उनके शरीर में विटामिन डी उत्तेजित होता है जो बच्चों की पढ़ाई के विकास के लिए बेहद जरुरी है और साथ में पार्कों में लगे झूले बच्चों की ज्ञानेंद्री को भी उत्तेजित करने में मदद करते हैं, जिससे बच्चों में समस्याओं का हल करना, मानसिक प्रतिनिधित्व और नाटकीय कल्पना आदि जैसे संज्ञानात्मक विकास अच्छे से होते हैं।
प्रकृति ऐसा विषय है जो आज के आधुनिक समय में बिजली के द्वारा चलने वाले उपकरणों के कारण बच्चे जिसका अनुभव अधिक नहीं कर पाते, क्योंकि आज के समय में बच्चों के मनोरंजन के लिए तरह-तरह के बिजली से चलने वाले उपकरण उपलब्ध हैं और पार्को का निर्माण भी पर्याप्त मात्रा में नहीं किया जाता है, जिनके कारण बच्चों का ध्यान प्रकृति की ओर अधिक नहीं जाता और वह प्रकृति का अनुभव भी अधिक नहीं कर पाते। हमें हमारी पीढ़ी को प्राकृतिक रूप से स्वास्थ्य प्रदान करने के लिए अधिक-से-अधिक पार्को का निर्माण करवाना चाहिए, जिससे वह प्रकृति को अच्छे से जाने और यह समझे कि प्रकृति उनके लिए कितनी महत्वपूर्ण है और उसकी रक्षा करना भी कितना जरुरी है।