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सामूहिक कन्या विवाह

परम मित्र मानव निर्माण संस्थान अपने नाम के अनुरूप एक ऐसा संस्थान है जो दोस्त की भाँति लोगों की मदद कर मानवीय रिश्तों को एक मजबूत आधार प्रदान करता है। परम मित्र मानव निर्माण संस्थान का एक महत्वपूर्ण कार्य कन्या विवाह करवाना भी है। बाल विवाह को समाप्त करने के उद्देश्य से ही सामूहिक या कन्या विवाह की शुरूआत की गई है। इसमें माता-पिता को उनकी कन्या का 18 वर्ष या अधिक की आयु में विवाह को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया गया है।

एक गरीब तबके का परिवार जिसके पास अपने दैनिक उपयोगी जरूरतों को पूरा करने के लिए धन का अभाव है और उनके लिए कन्या की शादी करना एक बहुत बड़ी चिंता का विषय है। किसी भी गरीब परिवार के लिए कन्या की शादी का खर्च अकेले उठाना उतना आसान नहीं है। अधिकतर गरीब परिवार कन्या की शादी के खर्च को पूरा करने के लिए, एक साथ धनराशि जुटाने के लिए सेठ-साहूकारों से पैसे ब्याज पर लेते हैं और उनके आसानी से शिकार बन जाते हैं। सेठ-साहूकार उनकी दयनीय स्थिति का फायदा उठाकर उन्हें अधिक ब्याज पर पैसे देते हैं। गरीब परिवारों की मदद करने के उद्देश्य से और इस चिंता से छुटकारा दिलाने के लिए परम मित्र मानव निर्माण संस्थान शुरू किया गया है।

समाज में कुरीतियों के चलते कई गरीब परिवार अपनी बेटियों के हाथ समय पर पीले नहीं कर पाते हैं। कई बार गरीब माँ-बाप दलालों के चक्कर में फँसकर अपनी बेटियों का विवाह अयोग्य वर से कर देते हैं या गरीबी के कारण माँ-बाप अपनी बेटियों को बेच देते हैं। इस अपराध को खत्म करने और निर्धन कन्याओं का घर बसाने के लिए सामूहिक विवाह की जरूरत है। सामूहिक विवाह सिर्फ एक विवाह कार्यक्रम नहीं है, बल्कि इसके परिणाम बड़े संतोषजनक हैं। परम मित्र मानव निर्माण संस्थान के अनुसार किसी निर्धन, जरूरतमंद या असहाय परिवार की कन्या का विवाह कराने से बढ़कर कोई अन्य पुण्य का काम नहीं हो सकता है।

परम मित्र मानव निर्माण संस्थान का उद्देश्य गरीब, जरूरतमंद परिवारों को उनकी बेटियों, या विधवाओं या तलाकशुदा महिलाओं की शादी करने के लिए सहायता देना है। इसके लिए कन्या की उम्र शादी के लिए तय उम्र के बराबर या उससे अधिक होनी चाहिए। सामूहिक कन्या विवाह का मुख्य उद्देश्य बाल विवाह को समाप्त करना और कन्या शिक्षा को बढ़ावा देना है। इसके अंतर्गत कन्या के माता-पिता को बेटी की शादी 18 वर्ष के बाद करने के लिए बताया जाता हैं।

परम मित्र मानव निर्माण संस्थान के द्वारा सामूहिक विवाह भी कराये जाते हैं। इससे न केवल सामाजिक सद्भाव में बढ़ोत्तरी होती है, बल्कि शादियों में होने वाले फिजूलखर्चे पर भी रोक लग जाती है। इसका एक खास पहलू यह भी है कि सभी वर्गों को इससे लाभ मिलता है। इसमें न केवल हिन्दू जोड़ों बल्कि मुस्लिम जोड़ों की भी शादी कराई जाती है।

आज के नवयुवक और नव युवतियों से आशा की जाती है कि इन बातों को समझ कर वे अपने परिवार को सामूहिक विवाह के लिए तैयार कर सकते हैं। इससे धन की बर्बादी से बचने के साथ-साथ कर्ज में डूबने से बचा जा सकता है। सामूहिक विवाह से केवल खुद का ही धन नहीं बचता बल्कि देश की संपदा और बहुत सारी परेशानियों से भी छुटकारा मिल जाता है।

सामूहिक कन्या विवाह के अंतर्गत गरीब परिवार में जन्मी बेटियों को परम मित्र मानव निर्माण संस्थान की तरफ से घरेलू सामान भी दिया जाता है, जिससे वो अपना गृहस्थ जीवन खुशहाली से बिता सकें। अब तो कन्या विवाह योजना को लोक सेवा के अधिकार अधिनियम में 13 अगस्त सन् 2012 में शामिल कर लिया गया है।